Bismillah ki fazilat बिस्मिल्लाह की फ़ाज़िलत तोह दोस्तों आज हम बात करने वाले है बिस्मिल्लाह की फ़ाज़िलत, बरकत और अहमियत के बारे मैं. बिस्मिल्लाह एक ऐसा
Bismillah ki fazilat
तोह दोस्तों आज हम बात करने वाले है बिस्मिल्लाह की फ़ाज़िलत, बरकत और अहमियत के बारे मैं.
बिस्मिल्लाह एक ऐसा शब्द है जिससे हर मुस्लमान अपने हर रोज़ की मर्रा ज़िन्दगी मैं इस्तेमाल करता है. बिस्मिल्लाह का मतलब ये होता है के "अल्लाह के नाम से". बिस्मिल्लाह का बोहोत सारे मतलब और importance होता है. Bismillah Ki Fazilat ये भी है के इसको अगर अनगिनत बार अगर बोला जाये तो तो इससे आपके रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी मैं बहोत फायदे होते है.
हमें बिस्मिल्लाह की अहमियत को देखना चाहिए अगर हम बिस्मिल्लाह बोलते है तो ना की बोलने की आदत के वजह से बल्कि bismillah की बेहतरीन मतलब की वजह से.
Bismillah ki Ahmiyat | बिस्मिल्लाह की अहमियत इस्लाम मैं
बिस्मिल्लाह कह कर सब कुछ सुरु करना
जब भी हम क़ुरान खोलते है, तो सबसे पहला शब्द उसमे बिस्मिल्लाह ही होता है. Quran ही islam मैं ultimate guide है मुस्लिम के लिए | क़ुरान मैं सब कुछ है जो दुनियावी वा आख़िरत के लिए काम आएगी. अगर क़ुरान का पहला शब्द ही बिस्मिल्लाह से सुरु होता है तो आप सोच सकते है के हमारे रोज़ की इस्तेमाल मैं ये शब्द अगर use हो तो कितना फ़ाज़िलत हमें मिलेगा.
अल्लाह SWT की बारकतो के लिए
इस ज़िन्दगी मैं जीना भी बस कुछ समय का है, हमें अल्लाह के बताये हुए रास्ते पे चल कर उनको इस ज़िन्दगी मैं राज़ी करने की कोसिस करना चाहिए साथ ही ज़िन्दगी बेहतरीन गुजरे और हम सेहतमंद रहे ये सब मांगना चाहिए हमें अल्लाह से ही. अल्लाह अपने उन बन्दों से हमेशा ख़ुश रेहता है जो अल्लाह का नाम अपने हर कामों मैं लेता हो. अल्लाह अपने बन्दों को खुशियों से नवाजता जो बन्दे अपने हर काम बिस्मिल्लाह से सुरु करते है.
कोई भी काम सही नहीं होता बिना बिस्मिल्लाह के
अगर कोई भी काम हो जरुरी हो या ना हो, बिस्मिल्लाह के बगैर अधूरा रह जाता है. ये हमारे प्यारे नबी (Saw) ने फ़रमाया है. एक वाक़्या के मैं हमारे नबी (Saw) ने फ़रमाया के,
कोई भी काम जो शुरू ना हो बिना बिस्मिल्लाह से वो अधूरा है
अल्लाह SWT के तीन नाम इसमें
अल्लाह के 99 नाम है जिनका बहोत खूबसूरत मतलब है. बिस्मिल्लाही रेहमनीर रहीम कहने से अल्लाह का तीन नाम कहना के बराबर होता है. बिस्मिल्लाह का मतलब तो आपको पता ही है, रहमान का मतलब होता है रेहम करने वाला वो बड़ा ही रेहमत वाला है. और रहीम का मतलब होता है के माफ़ करने वाला अल्लाह ही सिर्फ है जो माफ़ कर सकता है उसके सिवा और कोई नहीं.
हमें जहन्नम की आग से बचाना
बिस्मिल्लाह कहना का एक और महत्व ये भी है के ये हम जहन्नुम के आग से बचाएगा. जैसे के आपको पता होना चाहिए के अब्दुल्ला बिन मसूद ने फ़रमाया के बिस्मिल्लाही रेहमनीर रहीम मैं 19 letter है, वैसे ही जहन्नम मैं भी 19 जहन्नम के फ़रिश्ते है. जो लोग बिस्मिल्लाही रेहमनीर रहीम कहते है वो उनहै जहन्नम के 19 फरिश्तो से बचाया जायेगा.
आख़िरत मैं अपने अच्छे अमालो को बढ़ाना
हमारे प्यारे नबी SAW ने फ़रमाया है के जो लोग बिस्मिल्लाह बोलते है उनको आख़िरत मैं ज़्यादा बरकत मिलेगा अच्छे कामों के ऊपर. उन्होंने ऐसा बताया है के इसमें अल्लाह का नाम है जो की बोहोत रेहमत वाला है, अगर तराजू के एक तरफ बिस्मिल्लाह को रखा जाये और दूसरे तरफ उसके घुनहो को रखा जाये तो बिस्मिल्लाह वाला side झुक जायेगा.
वज़ू करने से पहले अपने गुनाहो को धो देना
अबू हुरैरा RA ने बताया के हमारे प्यारे नबी SAW ने फ़रमाया :
"जो कोई भी अगर वज़ू से पहले बिस्मिल्लाह ना बोलता हो, तो उसने हाथ पाओ से जितने भी गुनाह किये होंगे वो धूल जायेंगे; मगर जिन्होंने वज़ू करने से पहले बिस्मिल्लाह बोल कर वज़ू किया उनके पुरे जिस्म का गुनाह धूल जाएगा." - Mishkat
हमें शैतान से बचाना
तो ये बात जाबिर RA से रिवायत है के एक बार हमारे प्यारे नबी SAW ने फ़रमाया के, "जो शख्स अल्लाह को याद करता हो जब वो अपने घर मैं दाखिल हो रहा हो या खाना कहा रहा हो तो शैतान को ना तो घर मैं दाखिल होने दिया जाता है ना खाने के लिए कुछ. लेकिन जो शख्स घर मैं दाखिल होने समय अल्लाह को याद नहीं करता और खाते वक़्त भी भूल जाता हो तो शैतान उस समय कहता है के मुझे रहने के लिए घर भी मिल गया और साथ ही मैं खाने के लिए खाना भी मिल गया.
निशान का भर जाना
जब भी हमें कोई चोट लग जाती हो और उसमे से खून निकलता हो तो हमें बिस्मिल्लाह कई बार कहते हुए उस जगह पे फुक देना है. बिस्मिल्लाह मैं बोहोत रेहमत है जो निसान भरने मैं मदद करता है.
अल्लाह को हर समय याद करना
हर बार जब हम बिस्मिल्लाह कहते है तो अल्लाह को याद करते है, कोई भी काम हो हम अल्लाह को याद करना नहीं भूलते है. ताकि अल्लाह को याद करने से हमारे सारे परेशानियों के हल निकल जाते है और दूर हो जाते है.
अल्लाह SWT का हम ओर मेहेरबान होना
बिस्मिल्लाह मैं अल्लाह का नाम है जिसका मतलब होता है रहम करने वाला. हम जितनी बार बिस्मिल्लाह कहेँगे हमें उतना ही रेहमत की बरसात होंगी और मेहेरबानी होंगे.
तो ये पोस्ट पढ़ कर आपको बिस्मिल्लाह की अहमियत उसका मतलब और उसके फ़ाज़िलत के बारे मैं पता चल गया होगा. अल्लाह का नाम बार बार लेने से हमें बहुत ही रेहमत से नवाज़ा जाता है और यही तो कारण है हम इस दुनिया मैं जी रहे है. हम अल्लाह को बिन्या याद किये कुछ भी करते है वो बर्बाद है और उससे कुछ फ़र्क़ नहीं पढता है और ना ही सफलता मिलती है.
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